उत्तराखंड: चमोली हिमस्खलन लापता तीन श्रमिकों के शव बरामद, मृतकों की संख्या हुई सात, एक की तलाश जारी

शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में अभी भी पांच मजदूर फंसे हैं। बचाव अभियान का आज तीसरा दिन है। मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

 

एवलॉन्च के तीसरे दिन भी जारी है. इस पूरे हादसे में पहले 55 बीआरओ के मजदूरों के बर्फ में दबने की सूचना थी. लेकिन हादसे के दूसरे दिन देर रात सूचना मिली कि एक मजदूर पहले ही अपने घर कांगड़ा चला गया था. इस लिहाज से एवलॉन्च की चपेट में आने वाले मजदूरों की संख्या 54 रही.

चमोली के माणा में 28 फरवरी की सुबह एवलॉन्च आने से 54 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे. एवलॉन्च की सूचना शासन-प्रशासन तक पहुंचते-पहुंचते सुबह के 10 बज गए. जानकारी मिली कि ये मजदूर 8 कंटेनर और 1 शेड के अंदर थे. जो कि लापता थे. इसके बाद आईटीबीपी और प्रशासन से सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.

शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से एक बड़ा हादसा हुआ है. बर्फ में कई मजदूर दब गए थे. जिनमें से 54 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया. जिनमें से 46 जिंदा हैं और 7 श्रमिकों की मौत हो चुकी है. अब सिर्फ 1 मजदूर बर्फ के नीचे फंसा हुआ हैं. जिसे निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है.

रेस्क्यू में सेना के 4 हेलिकॉप्टर्स के अलावा ITBP, BRO, SDRF और NDRF के 200 से ज्यादा जवान लगे हुए हैं. शुक्रवार को रेस्क्यू ऑपरेशन खराब मौसम की वजह से रोक दिया गया था. शुक्रवार को ये सभी मजदूर सड़क निर्माण कार्य में लगे हुए थे और माणा गांव के पास बर्फ में दब गए थे

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