14 साल बाद संन्यासी बन घर आया अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी

अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच काठगोदाम स्थित उसके घर लाया गया। करीब 13 दिन पहले पीपी के पिता की मृत्यु हो गई थी। पीपलपानी में शामिल होने के लिए पीपी को सात घंटे की पैरोल मंजूर हुई थी। साल 2010 में गिरफ्तारी और दो महीने पहले संन्यासी बनने के बाद पहली बार पीपी अपने घर पहुंचा था। गुरुवार की शाम ही उसे वापस अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया।

साल 2010 में वियतनाम से गिरफ्तार किया गया पीपी राज्य की अलग-अलग जेलों में रह चुका है। इस समय वह अल्मोड़ा की जिला जेल में बंद है। पिछले 14 साल से वह कभी अपने घर नहीं पहुंचा। वहीं गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच उसे काठगोदाम में शीशमहल स्थित उसके घर लाया गया। पुलिस के मुताबिक, करीब 13 दिन पहले पीपी के पिता की मृत्यु हो गई थी। गुरुवार को घर में पीपलपानी संस्कार था। इसके लिए विशेष अनुरोध पत्र पर कोर्ट ने उसे सात घंटे की पैरोल मंजूर की थी। कड़े पहरे में अल्मोड़ा पुलिस उसे काठगोदाम लेकर आई। यहां पीपी के घर के आसपास नैनीताल पुलिस का पहरा रहा। करीब सात घंटे तक वह अपने घर पर रहा और गुरुवार की शाम पुलिस उसे वापस अल्मोड़ा जेल ले गई। बता दें कि अपराध की दुनिया में अपने नाम की दहशत फैलाने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी अब संन्यासी बन चुका है। बीती 17 मार्च को उसने अल्मोड़ा जेल प्रशासन को पत्र लिखकर संन्यास धारण करने और पूजा पाठ करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली। उधर, काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने दावा किया कि 28 मार्च को उन्होंने अल्मोड़ा जेल में जेल प्रशासन की निगरानी में पीपी को संन्यास की दीक्षा दिलाई। जिसके बाद डॉन पीपी अब योगी प्रकाश नाथ हो गया है। जब वह काठगोदाम में अपने घर आया तो उसने भगवा कपड़े पहने हुए थे। साथ ही नाथ संप्रदाय का पहचान पत्र भी टांगा हुआ था।

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