

हल्द्वानी | शादी के बाद एक नवविवाहित महिला अपनी जिंदगी को लेकर काफी सपने बुनती हैं। अपना भविष्य, अपना नया परिवार बनाती है। उसकी डोर होता है उसका वो हमसफर जिसके लिए वो पूरा परिवार पीछे छोड़कर नए जीवन में प्रवेश करती है। लेकिन दुर्भाग्यवश अगर वो हमसफर ही साथ छोड़ जाए तो…? हल्द्वानी की सोनी बिष्ट ने भी जीवन में ऐसा ही दुख झेला है। हालांकि, जीवन के सबसे बड़े दुख से उबरकर आज सोनी ने अपने परिवार के साथ-साथ अपने जीवनसाथी का नाम भी ऊंचा किया है। ये कहानी है लेफ्टिनेंट सोनी बिष्ट की।
वो साल था 2023, जब सोनी बिष्ट की शादी उधमसिंह नगर के खटीमा निवासी नीरज भंडारी से हुई थी। नीरज सेना में थे। 18 कुमाऊं रेजिमेंट में सैनिक पद पर तैनात थे। दोनों ने शादी के बाद अपने नए जीवन को लेकर कई सपने संजोए थे लेकिन शायद ईश्वर को कुछ और मंजूर था। शादी को अभी 34वां दिन ही हुआ था कि एक दर्दनाक हादसे के कारण सोनी और नीरज का साथ छूट गया। नीरज की असमय मौत ने सोनी को गहरा सदमा दिया।
इस समय सोनी का परिवार उसकी हिम्मत बनकर उसके साथ खड़ा रहा। वक्त लगा और सोनी भी इस सदमे से जैसे-तैसे उबर गई। लेकिन उसने अपने पति के नक्शेकदम पर ही चलने का फैसला कर लिया। 8 मार्च 2025 को करीब दो साल बाद सोनी सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं और अब उनका मकसद देश की सेवा करना है।
सोनी की संघर्षों भरी कहानी
उत्तराखंड की बेटियां आज हर क्षेत्र में उत्तराखंड की नाम रोशन कर रही है। अपने कठिन परिश्रम और मेहनत के बलबूते आए दिन किसी ना किसी क्षेत्र में मुकाम हासिल करती रहती है। ऐसी ही संघर्षों को पार कर हल्द्वानी की सोनी बिष्ट आज सेना में लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा करने जा रही हैं।
शनिवार 8 मार्च को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में आयोजित पासिंग आउट परेड में सोनी बिष्ट बतौर अफसर शामिल हुईं। अब वो आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में अपनी सेवाएं देंगी। इस दौरान उनके माता-पिता कुंदन सिंह बिष्ट और मालती बिष्ट साथ मौजूद रहे। उनके भाई राहुल बिष्ट भी उनका हौसला बढ़ाने पहुंचे। सोनी मूल रूप से ग्राम दारर्सिंग पट्टी नाकुरी जिला बागेश्वर की रहने वाली हैं। पिता कुंदन सिंह बिष्ट 13 गॉर्डस रजिमेंट से सूबेदार रिटायर्ड हैं।
