
उत्तरकाशी:केदारनाथ के बाद अब यमुनोत्री धाम में भी घोड़े-खच्चरों में अज्ञात बीमारी के लक्षण सामने आने से पशुपालन विभाग में हड़कंप मच गया है। खांसी और जुकाम जैसे लक्षणों के चलते यात्रा मार्ग पर सतर्कता बढ़ा दी गई है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. हरि सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के बीच संचालित कुछ घोड़े-खच्चरों में खांसी और जुकाम के लक्षण पाए गए हैं। इसके बाद 30 घोड़े-खच्चरों के रैंडम सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
बीमार पशुओं की यात्रा पर रोक
पशुपालन विभाग ने एहतियात के तौर पर बीमार पशुओं को यात्रा मार्ग में शामिल होने से रोक दिया है। विभाग की ओर से सभी पशु मालिकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना जांच और फिटनेस के किसी भी जानवर को यात्रा पर न भेजें।
डॉक्टरों की टीमें और निगरानी बढ़ाई गई।
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमें यात्रा मार्गों पर तैनात कर दी गई हैं और लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। पशुपालन विभाग और प्रशासन मिलकर स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
यात्रियों से सतर्कता की अपील
प्रशासन ने यात्रियों और घोड़े-खच्चर मालिकों से सतर्क रहने और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत सूचना देने की अपील की है। यात्रियों से कहा गया है कि वे सिर्फ स्वस्थ प्रमाणित घोड़े-खच्चरों का ही उपयोग करें।
पृष्ठभूमि:
इससे पहले केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भी कई घोड़े-खच्चरों में बीमारी के लक्षण पाए गए थे, जिसके बाद बड़ी संख्या में पशुओं की स्क्रीनिंग और रोकथाम के कदम उठाए गए थे। अब यमुनोत्री में भी ऐसे लक्षण दिखने से विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।
