

रुद्रपुर। साइबर ठगों ने सेवानिवृत्ति शिक्षिका और उनकी भांजी को कथित रूप से भारतीय जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। करीब 18 घंटे तक वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट रखा। दहशत में आई शिक्षिका के बैंक खाते से साइबर ठगों ने 50 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। पंतनगर साइबर थाने में पीड़ित ने केस दर्ज कराया है।
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जरूरी बाजार रानीखेत निवासी सिराज पत्नी अमीनुर रहमान ने साइबर पुलिस को बताया कि 19 जून को उनकी रामनगर निवासी भांजी महनाज उनके घर आई थी। सुबह 11 बजे उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। उसने खुद को टेलीकॉम विभाग में नियुक्त बताते हुए उनके मोबाइल से अश्लील फोटो शेयर होने की शिकायत आने का जिक्र किया। इससे बचने के लिए एक अन्य नंबर से आए कॉल को रिसीव करने को कहा। उसने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए उनके आधार कार्ड से एक फर्जी मोबाइल नंबर जारी होने और उनके पास सीबीआई से व्हाट्सएप कॉल आने की बात कही। कुछ देर बाद कथित तौर पर सीबीआई से वीडियो कॉल आया। उन्होंने नाम, पता, बैंक खाते, गहने, जमीन आदि की जानकारी लेकर आगे की पूछताछ के लिए कॉल को उनके कथित डीएसपी को ट्रांसफर कर दिया। इस बार वीडियो कॉल में पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति खड़ा था। उसने एक स्क्रीनशॉट और सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी फर्जी अरेस्ट ऑर्डर भेजा। साइबर क्राइम प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।