

हल्द्वानी: राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में मजबूत पकड़ रखने वाले हल्द्वानी शहर के जानेमन ठेकेदार धनंजय गिरी के और अज्ञात बैंक कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है. मुकदमा सीनियर पीसीएस अधिकारी काठगोदाम थाने में दर्ज कराया है. बताया जा रहा है आरोपी ठेकेदार के ऊपर पूर्व में भी कई धोखाधड़ी सहित अन्य मुकदमे दर्ज है.पूरे मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
उत्तराखंड के वरिष्ठ सीनियर पीसीएस अधिकारी बीएल फिरमाल ने पुलिस में ताहिर देते हुए कहा कि ठेकेदार धनंजय गिरी से वर्ष 2017 में उनकी मुलाकात हुई . उसे दौरान ठेकेदार ने दमुवाढुंगा में निर्माणाधीन हाउसिंग प्रोजेक्ट की जानकारी दी जहां वर्ष 2017 में प्रोजेक्ट के तीसरी मंजिल पर स्थित करीब 1400 स्क्वायर फीट में फ्लैट के तीसरी मंजिल पर 40 लाख रुपये में बेचने का झांसा दिया था.अधिकारी ने विश्वास जताते हुए उसे पांच लाख रुपये का चेक अग्रिम रूप में दे दिया. ठेकेदार ने कहा कि प्रोजेक्ट तीन साल में पूरा हो जाएगा और आपको मकान मिल जाएगा. बाद में पता चला कि ठेकेदार ने जिस फ्लैट की बिक्री का अग्रीमेंट किया गया था उस पर धनंजय गिरी ने पीएनबी बैंक के एक अधिकारी के साथ सांठगाठ कर लोन भी ले लिया.जब अधिकारी को इस धोखाधड़ी का आभास हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
काठगोदाम थाना प्रभारी पंकज जोशी ने बताया कि ठेकेदार धनंजय गिरी और अज्ञात बैंक अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. सीनियर पीसीएस अधिकारी में आरोपित ठेकेदार और बैंक अधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया जा रहा है कि धनंजय गिरी पूर्व में ठेकेदारी के कार्यों में सक्रिय था और उसने विभिन्न सरकारों में सत्तासीन नेताओं के संरक्षण में अपना प्रभाव स्थापित किया. उसके खिलाफ हल्द्वानी के कई थानों में धोखाधड़ी और कोई संगीन मामले पहले से भी दर्ज हैं. साथ ही धनंजय गिरी द्वारा पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर प्रॉपर्टी डीलिंग का कार्य किया जाता था.
बताया जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा कई लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की गई है जिसके चलते वह इन दोनों फरार चल रहा है.
पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और जरूरत पड़ने पर ठेकेदार से जुड़े अन्य लोगों को भी पूछताछ के दायरे में लाया जाएगा.