देहरादून: बेरोजगार संघ का महाआंदोलन, 10 हजार युवाओं के जुटान की तैयारी

देहरादून। स्नातक स्तरीय परीक्षा निरस्तीकरण और सीबीआई जांच की मांग को लेकर परेड ग्राउंड में धरना दे रहे उत्तराखंड बेरोजगार संघ का आंदोलन और तेज हो गया है। संघ ने प्रदेशभर के दस हजार छात्रों को दून बुलाकर आंदोलन को व्यापक बनाने का आह्वान किया है। गुरुवार को उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) और फोरम फॉर स्टूडेंट्स इंडिया (एफएसआई) समेत कई संगठनों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने बताया कि चार दिन से सैकड़ों बेरोजगार परेड ग्राउंड में सड़क पर बैठे हैं, लेकिन सरकार की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारों की अनदेखी कर रही है और पेपर लीक के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। एसआईटी जांच को उन्होंने खानापूर्ति करार दिया। कंडवाल ने कहा कि पेपर लीक के खिलाफ युवाओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसका प्रमाण गुरुवार को प्रदेशभर में हुई रैलियां हैं।

इधर, पेपर लीक मामले पर विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरा। इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार नकल और पेपर लीक रोकने में नाकाम रही है। दून स्थित सपा कार्यालय में हुई बैठक में गठबंधन दलों ने एसआईटी गठन को देरी से उठाया गया कदम बताया।
सपा राष्ट्रीय सचिव एसएन सचान ने कहा कि पेपर लीक मामले में सरकार का रवैया संदेहास्पद है और एसआईटी गठन में अनावश्यक देरी की गई। कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया कि पूरे मामले में सरकारी सिस्टम सिर्फ झूठ और भ्रम फैला रहा है तथा जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।
भाकपा (माले) के प्रदेश सचिव इंद्रेश मैखुरी ने काशीपुर की घटना को पुलिस प्रशासन की नाकामी करार दिया। वहीं, भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य समर भंडारी और माकपा के राज्य सचिव राजेंद्र पुरोहित ने भी युवाओं के आंदोलन को जायज ठहराया।
सरकार की चुप्पी और विपक्ष के हमले के बीच पेपर लीक प्रकरण पर राजनीतिक और सामाजिक दबाव तेजी से बढ़ रहा है। आंदोलनरत युवाओं ने चेतावनी दी है कि मांगें न मानी गईं तो धरना और उग्र रूप लेगा

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