

देहरादून। देश की सेवा कर लौटने वाले पूर्व अग्निवीरों को अब सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने की तैयारी चल रही है। अग्निवीरों के कल्याण और पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार विभिन्न विभागों में उन्हें आरक्षण देने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए कार्मिक विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर विधायी विभाग को परामर्श के लिए भेज दिया है।
कार्मिक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए बताया कि इस पर लंबे समय से मंथन चल रहा था। विधायी विभाग की अनुमति मिलने के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। प्रस्ताव में पूर्व अग्निवीरों को खासतौर पर वर्दीधारी सेवाओं जैसे पुलिस, परिवहन, आबकारी और वन विभाग जैसी प्रवर्तन सेवाओं में आरक्षण देने की सिफारिश की गई है।
पूर्व अग्निवीर सेना से प्रशिक्षण प्राप्त होते हैं, जिससे वे इन सेवाओं में अनुशासन, दक्षता और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य कर सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि सेवा समाप्ति के बाद अग्निवीरों के पुनर्वास और समायोजन की मजबूत व्यवस्था की जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में ‘अग्निपथ योजना’ के तहत सेना में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके तहत अग्निवीरों को चार साल की सेवा दी जाती है। इनमें से 25% को स्थायी सेवा का अवसर मिलता है, जबकि शेष 75% को सेवा पूरी कर नागरिक जीवन में लौटना होता है। ऐसे अग्निवीर वर्ष 2026 से लौटने शुरू होंगे और उनके लिए यह आरक्षण योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।