

नैनीताल: अब सड़क हादसों में घायलों की जान बचाना सिर्फ डॉक्टरों या एंबुलेंस तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि आम नागरिक भी मसीहा बन सकते हैं। केंद्र सरकार और परिवहन विभाग की नई पहल के तहत अगर कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे 25 हजार रुपये का इनाम और सार्वजनिक सम्मान दिया जाएगा।
इस योजना का नाम है “राहवीर योजना” जिसे उत्तराखंड में भी लागू करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। एआरटीओ (प्रवर्तन) जितेंद्र सागवान ने जानकारी दी कि इसका उद्देश्य दुर्घटना के “गोल्डन ऑवर” यानी पहले एक घंटे के भीतर पीड़ित को अस्पताल पहुंचाना है जिससे उसकी जान बचाई जा सके।
कानूनी कार्रवाई का नहीं होगा डर
सबसे खास बात यह है कि घायल की मदद करने वाले व्यक्ति से कोई पूछताछ नहीं की जाएगी। उसका नाम और बैंक डिटेल केवल इनाम की राशि देने के लिए लिए जाएंगे। पुलिस या कानूनी कार्रवाई से जुड़े किसी भी तरह के डर को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
इनाम और सम्मान दोनों मिलेगा
जो भी व्यक्ति घायल को अस्पताल पहुंचाता है उसे 25 हजार रुपये का इनाम मिलेगा और उसे सरकारी स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा। साथ ही उसकी सहायता को विभाग और पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे।
एआरटीओ सागवान ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में सड़क हादसों की संख्या लगातार चिंता का विषय रही है। अगर समय रहते मदद मिल जाए तो लगभग 40 से 50 फीसदी मौतें रोकी जा सकती हैं। यही सोच इस योजना के पीछे है।
यह केवल एक सरकारी योजना नहीं है यह इंसानियत का धर्म है एआरटीओ ने भावुक अपील करते हुए कहा कि कृपया हादसे के समय मूकदर्शक न बनें। आपकी एक छोटी-सी मदद किसी के जीवन की सबसे बड़ी उम्मीद बन सकती है।