जय गुरूदेव जय श्री सिद्धि माँ

महाराज जी के अनेकों चमत्कारों मैं से आज एक चमत्कार आपके सामने प्रस्तुत करना चाहता हूं। एक रात , पाषाण देवी , नैनीताल झील के निकट एक चट्टान पर महाराज अपने भक्त श्री पूरन चन्द्र जोशी के साथ बैठे थे ! सामने झील के दुसरी तरफ इन्डिया होटल ( श्री माँ का निवास स्थान ) की और इंगित करते हुये ना मालुम किस मौज में वह कह बैठे , “वह कात्यानी देवी का घर है , जिसके लिये हनुमान को यहाँ आना पडा !” इस प्रकार एक लहर में बाबा अपना अौर माँ का परिचय दे गये ! महाराज का कार्य धर्म का प्रचार करना था ! उनकी इस लीला में योग देने की क्षमता केवल माँ मे थी ! श्री माँ को बाबा के दर्शन प्रथम बार श्री राम साह जी के घर हुये ! वहाँ बाबा का दरबार लगा था ! अपने विवाह के कुछ ही महीनों बाद आप पडोस की महिलायों के साथ वहाँ गयी ! आपको देखते हा बाबा ने दरबार में आपकी दिनचर्या का बखान करते हुये बताया की आप किस तरह गृहस्थ के सभी कार्यो को सचारू रूप से करते हुये निरन्तर भगवत भजन किया करती है ! बाबा ने उसी समय कहा कि “माँ के लिये वृन्दावन में कुटिया बनेगी” ! उस समय माँ के लिये कुटिया का कोई महत्व ना था ! तब वृन्दावन माँ के स्वपन में भी ना था ! कालान्तर मे जब उसका निर्माण हुया तो सर्वप्रथम वहाँ माँ के लिये कुटिया बनी ! महाप्रयाण के पूर्व बाबा ने अपनी राम नाम की डायरी माँ को देके हुये कहा कि इसे आगे तु भरेगी ! इस प्रकार संकेतिक रूप से अपना कार्य भार उन्होने माँ को सौंप दिया ! माँ ने अपने वैभवपर्ण गृहस्त की माया – ममता को त्याग कर , हर प्रकार के कष्टों की प्रवाह ना करते हुये जिस प्रेम और निष्ठा से बाबा के सिद्धांत और निति के अनुसार अपने उतरदायित्व का निर्वाह कर रहीं है वह राम री अनुपस्थिति में भरत की याद कराता है ! श्री माँ का जीवन इसी हेतु हुया था , ये महाराजजी जानते थे !जय गुरूदेवजय श्री माँ

सम्बंधित खबरें