

नई दिल्ली | केरल के वायनाड में तेज बारिश की वजह से सोमवार देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। इसमें 4 गांव बह गए। घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। 70 अस्पताल में हैं, जबकि 400 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। घटना देर रात 2 बजे की है।रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है। कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। इसमें मेडिकल टीम भी शामिल है। इसके अलावा एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड की घटना हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।मौसम विभाग ने आज भी वायनाड के अलावा कोझिकोड, मल्लपुरम और कसारागोड में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। यानी आज भी यहां भारी बारिश होने की संभावना है। वायनाड हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है।
केरल के राजस्व मंत्री के राजन का कार्यालय से बताया गया, एनडीआरएफ, अग्निशमन, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं। अब तक करीब 101 लोगों को बचाया गया। कलपेट्टा में बाथरी सेंट मैरी एसकेएमजे स्कूल में आश्रय शिविर स्थापित किया गया। मेडिकल टीमें और एम्बुलेंस मौजूद हैं और भोजन और कपड़ों की भी व्यवस्था की गई है। पृथ्वी उत्खननकर्ताओं की आवश्यकता है।
एनडीआरएफ डीजी पीयूष आनंद ने बताया, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम वायनाड भूस्खलन स्थल पर पहुंच गई है, तीन अन्य टीमें रास्ते में हैं। अब तक, उन्होंने 74 लोगों को निकाला है, 16 शव बरामद किए हैं और एक व्यक्ति को जीवित बचाया है। यह वायनाड की वर्तमान स्थिति है।
