उत्तराखंड में वाहनों पर बकाया मोटर वाहन टैक्स, विभाग ने शुरू की वसूली

हल्द्वानी: शहर की सड़कों पर साढ़े सोलह हजार से अधिक व्यवसायिक वाहन टैक्स जमा किए बिना ही फर्राटा भर रहे हैं. इन वाहनों पर करीब 52.50 करोड़ रुपये मोटर वाहन टैक्स बाकी है. ज्यादातर वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि भी खत्म हो चुकी है. ऐसे में परिवहन विभाग अब इन वाहन स्वामियों के खिलाफ आरसी काटने और वाहन सीज और नीलम करने की कार्रवाई करने जा रहा है.

 

इन व्यावसायिक वाहन स्वामियों द्वारा कई साल से वाहनों के मोटर वाहन कर नहीं जमा किया गया है. संभागीय परिवहन अधिकारी हल्द्वानी सुनील शर्मा ने बताया कि वाहनों के टैक्स जमा नहीं करने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई होने जा रही है. इन वाहन स्वामियों को कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन उनके द्वारा टैक्स के रकम को जमा नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि टैक्स बकायेदारों के खिलाफ धरपकड़ अभियान के साथ वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया हल्द्वानी आरटीओ कार्यालय अंतर्गत ऐसे कई वाहन स्वामी हैं जो अपने वाहनों को या तो बेच चुके हैं या उनके वाहन कबाड़ हो चुके हैं कई ऐसे वाहन है जो 20 से 25 साल पुराने हैं लेकिन परिवहन विभाग को इसकी सूचना नहीं दी है. इसके चलते उनका खाता भी बंद नहीं हुआ है. उनके ऊपर टैक्स लगातार लग रहा है. संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि टैक्स बकायदारों को फोन के माध्यम से टैक्स जमा करने की अपील भी की जा रही है. टैक्स जमा नहीं करने वालो की आरसी काटने की भी कार्रवाई की जा रही है. जिसकी वसूली राजस्व विभाग के तरफ से की जाएगी.

उन्होंने बताया चेकिंग अभियान के दौरान टैक्स बकाया जो भी वाहन मिल रहे हैं उनको सीज करने की कार्रवाई के साथ नीलामी की कार्रवाई की जाएगी. संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया सभी एआरटीओ कार्यालय को निर्देशित किया गया है कि टैक्स वसूली में सख्ती के साथ कार्य करें जिससे कि बकाया में 40% तक गिरावट हो सके. परिवहन विभाग ने ऐसे वाहन स्वामियों से अपील की है कि जिन वाहन स्वामियों के पास उनके वाहन नहीं है और उनके नाम से पूर्व में कोई वाहन था वह परिवहन विभाग के संपर्क कर अपने खाते को बंद कराएं. जिससे आगे लगने वाले टैक्स को बंद किया जा सके. उन्होंने बताया टैक्स बकाया सूची में टैक्सी, मैक्सी, ट्रक, पिकअप, ऑटो रिक्शा के अलावा छोटे-बड़े कमर्शियल वाहन शामिल हैं.

Ad

सम्बंधित खबरें