

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से काफी तबाही मच गई है। राज्य में कई हाईवे बंद हो गए हैं। इससे लोग यहां-वहां फंस गए हैं। ऐसे में मसूरी भट्टा गांव ने इंसानियत दिखाई है।
जहां एक तरफ मसूरी और आसपास के क्षेत्र प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर भट्टा गांव के होमस्टे मालिकों और ग्रामवासियों ने इंसानियत और मेहमान नवाजी की एक मिसाल पेश की है। मसूरी-देहरादून मार्ग पर भारी भूस्खलन और मलबा आने से सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय निवासी रास्ते में फंस गए हैं। इस मुश्किल घड़ी में भट्टा गांव के लोगों ने जो कदम उठाया है, वह काबिल-ए-तारीफ है।
सड़क खुलने तक रुक सकते हैं पर्यटक
भट्टा गांव के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कोटाल ने बताया कि जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि मसूरी-देहरादून मार्ग बाधित हो गया है। उन्होंने तुरंत गांव के सभी होमस्टे और होटल मालिकों के साथ बैठक की और निर्णय लिया कि किसी भी यात्री को न तो सड़कों पर भटकने दिया जाएगा और न ही भूखा सोने दिया जाएगा। राकेश कोटाल ने कहा कि जब पर्यटक हमारे शहर को अपना घर समझकर आते हैं, तो यह हमारा फर्ज़ बनता है कि मुसीबत के समय हम उन्हें अकेला महसूस न होने दें। उन्होने कहा कि गांव के लगभग सभी होमस्टे मालिकों ने एकजुट होकर यह तय किया कि जब तक सड़क मार्ग पूरी तरह चालू नहीं हो जाती है, तब तक फंसे हुए पर्यटकों को निःशुल्क रहने और खाने की व्यवस्था दी जाएगी।
स्थानीय प्रशासन और जनता से सहयोग की अपील
राकेश कोटाल ने कहा कि यह समय एक-दूसरे की मदद करने का है। आरोप-प्रत्यारोप का नहीं। उन्होंने मसूरी प्रशासन, नगर पालिका, पुलिस और अन्य संबंधित विभागों से भी अनुरोध किया है कि वे इस राहत कार्य में सहयोग करें और फंसे हुए लोगों तक जल्दी से जल्दी सहायता पहुंचाएं। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे अपने आसपास के यात्रियों की मदद करें और भोजन, दवाई, रहने की जगह जैसी आवश्यक चीजों की व्यवस्था में योगदान दें।