सड़क हादसे में घायल होने के बाद कोमा में गया सचिन नाम का शिवभक्त कांवड़िया अपनी सांस थमने से पहले तीन लोगों को नई जिंदगी दे गया। सचिन ने इसके साथ ही अपनी आंखों के जरिये दो लोगों को रोशनी भी दी है।कांवड़ यात्रा के दौरान कहीं से वाहनों में तोड़फोड़ की तस्वीरें आईं तो कहीं से मारपीट की। जहां कुछ कांवड़ियों के डरावने व्यवहार ने लोगों को विचलित कर दिया, वहीं सचिन नाम का शिवभक्त कांवड़िया अपनी सांस थमने से पहले तीन लोगों को नई जिंदगी दे गया। सचिन सड़क हादसे में घायल होने के बाद कोमा में चला गया था। 30 जुलाई को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद परिजनों ने उसके अंगों को एम्स ऋषिकेश को दान कर दिया था, जिसके बाद अलग-अलग जगहों पर तीन लोगों को उसके अंगों से नई जिंदगी मिली है।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि 23 जुलाई को हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी 25 वर्षीय सचिन रुड़की में सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल हो गया था। उसके कोमा से बाहर आने की उम्मीद नहीं बची तो एम्स के डॉक्टरों ने परिजनों से अंगदान की अपील की। परिवार वाले राजी हुए और ब्रेन डेड युवक के अंगदान का फैसला लिया गया। जरूरी प्रक्रिया के बाद सचिन के अंगों से न केवल तीन लोगों को जिंदगी मिली, बल्कि दृष्टि खो चुके दो लोगों के जीवन में सचिन के नेत्रदान से उजियारा आ सकेगा।