उत्तराखंड:बिना मान्यता के चल रहे स्कूल पर पांच लाख से ज्यादा का जुर्माना

बिना मान्यता के चल रहे स्कूल,

देहरादून के एक विद्यालय पर पांच लाख से ज्यादा का जुर्माना,बिना मान्यता के चल रहा था स्कूल।

कई अभिवावकों ने फीस बढ़ोतरी को लेकर की थी शिकायत, तीन दिन के भीतर भरना होगा जुर्माना।

देहरादून- जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा बिना मान्यता के चल रहे स्कूल पर एक्शन लिया गया है। भनियावाला में संचालित एक निजी स्कूल से 100 से अधिक अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी शिकायत जिलाधिकारी से की थी। जिसके बाद स्कूल के दस्तावेजों को चेक करने पर पाया गया कि स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहा है. जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए बिना मान्यता चल रहे स्कूल पर 5 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। यदि स्कूल द्वारा निर्धारित अवधि में जुर्माने की धनराशि जमा नहीं की जाती है तो स्कूल प्रशासन से धनराशि भू-राजस्व के तहत वसूल की जाएगी।

बता दें कि देहरादून के भानियावाला में स्थित एक निजी स्कूल में फीस बढोतरी पर 100 से अधिक अभिभावकों ने डीएम को शिकायत की गई थी, डीएम के निर्देश पर सीडीओ द्वारा बुलाए जाने के बाद भी स्कूल प्रबंधन उपस्थित नहीं हो रहा था। स्कूल के दस्तावेजों की जांच करने पर पाया गया कि स्कूल को प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम से मार्च 2020 से मार्च 2025 तक के लिए मान्यता दी गई थी,जबकि स्कूल प्रबंधन ने मान्यता नवीनीकरण के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया था। जिस पर जिला प्रशासन ने स्कूल पर बिना मान्यता के संचालन करने के बाद शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-18 की उपधारा-5 के तहत, स्कूल पर प्रतिदिन 10 हजार की दर से 1 एक अप्रैल 2025 से 22 मई 2028 तक 52 दिनों का कुल 5 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही जुर्माने की धनराशि विद्यालय प्रशासन को पत्र प्राप्त होने के तीन दिन के अंतर्गत जमा करने के निर्देश दिए हैं. यदि विद्यालय प्रशासन द्वारा निर्धारित अवधि में जुर्माने की धनराशि जमा नहीं की जाती है तो विद्यालय प्रशासन से धनराशि भू-राजस्व के तहत वसूल की जाएगी। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के पालन में शिक्षा माफियाओं पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है। अभिभावकों द्वारा ज्यादा फीस वसूली की शिकायतों पर जिला प्रशासन शहर के कई स्कूलों पर कार्रवाई कर रहा है। वहीं बड़े-बड़े स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का खेल भी सामने आया है. फीस बढ़ोतरी पर जिला प्रशासन की जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है।

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