

उत्तराखंड सरकार ने पंचायत चुनाव लड़ने की योग्यता को लेकर वर्ष 2019 में लागू किए गए विवादित “तीन बच्चों वाले” नियम में आंशिक संशोधन कर दिया है। अब वे अभ्यर्थी जिनके तीन बच्चे हैं, लेकिन तीसरा बच्चा 25 जुलाई 2019 से पहले जन्मा है, पंचायत चुनावों में भाग ले सकेंगे।
राज्य सरकार ने शुक्रवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह छूट केवल उन्हीं पर लागू होगी जिनका तीसरा संतान 25 जुलाई 2019 से पहले जन्मा है। इसके बाद जन्मे तीसरे बच्चे की स्थिति में यह छूट मान्य नहीं होगी और संबंधित व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य रहेगा।
विवादास्पद नियम में राहत की सांस
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में पंचायत चुनावों से पहले राज्य सरकार ने एक नियम लागू किया था, जिसके तहत तीन या उससे अधिक बच्चों वाले अभ्यर्थियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। इस नियम के कारण कई योग्य और सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं को चुनावी राजनीति से बाहर होना पड़ा था, जिससे जनता में असंतोष और विरोध उत्पन्न हुआ।
छह साल बाद आया संशोधन
लगातार विरोध और जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों की मांगों के बाद लगभग छह वर्षों बाद सरकार ने इस नियम में संशोधन कर आंशिक राहत दी है। यह बदलाव आगामी पंचायत चुनावों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे हजारों संभावित उम्मीदवारों को फिर से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी का अवसर मिलेगा।
सरकार ने जताई संवेदनशीलता
सरकार के इस कदम को जनभावनाओं के अनुरूप फैसला माना जा रहा है। हालांकि, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह संशोधन पहले ही किया जाना चाहिए था ताकि पिछले चुनावों में योग्य उम्मीदवारों को वंचित न होना पड़ता। फिर भी यह निर्णय आने वाले चुनावों में कई पुराने व अनुभवी चेहरों की राजनीति में वापसी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
