डॉक्टर अंकिता चांदना सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट हेल्थ केयर फिजियोथैरेपी सेंटर हल्द्वानी
आजकल गर्दन दर्द की समस्या काफी बढ़ती जा रही है बच्चों और युवा वर्ग भी इस परेशानी का बहुत तेजी से शिकार हो रहा है।
शरीर का पोस्चर ठीक न होने की वजह से गर्दन की मांसपेशियों पर प्रेशर वह खिंचाव बढ़ने लगता है
काफी समय तक एक ही स्थिति में बैठना जैसे लगातार घंटों तक कंप्यूटर पर काम करने से या आगे झुक कर काम करना जो कि पढ़ाई लिखाई करने वाले बच्चों में यह समस्या आम तौर पर देखने में आ रही है।
घरेलू महिलाओं तथा ऑफिस वर्कर्स एवं टीचर्स में बीए निरंतर बढ़ती जा रही है गर्दन दर्द यानी कि सर्वाइकल पेन की समस्या अगर समय रहते उपचार ने किया जाए तो यह परेशानी गर्दन से कंधे में और कंधे से हाथ में आने लगती है और कभी-कभी गर्दन से पीट या छाती की तरफ भी दर्द की लहर उठने लगती है साथ ही जकड़न मांसपेशियों में दर्द नसों में खिंचाव अट का अनुभव होने लगता है जिसके चलते मरीज की उंगलियों में झनझनाहट व सुनपन वह गर्दन में अकड़न की शिकायत करता है इसलिए जरूरी है कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जाए नहीं तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं और आपको अपने रोजमर्रा के कार्य करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ भी कभी-कभी यह समस्या घेरने लगती है शारीरिक सक्रियता की कमी या किसी प्रकार की चोट या गर्दन में झटका आने से भी गर्दन दर्द हो सकता है।
लक्षण :गर्दन की मांसपेशियों में कड़ापन, खिंचाव, दर्द होना, चक्कर आना ,जी मिचलाना, घबराहट या सांस लेने में दिक्कत, सिर के पिछले भाग और कंधों में दर्द ,हाथों की उंगलियों में झनझनाहट ,सर दर्द एवम कमजोरी का एहसास। इलाज: समस्या को बढ़ने ना दे उचित डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लें फिजियोथैरेपी में कई तरह के व्यायाम तथा आधुनिक मशीनों की मदद से रक्त संचार को बढ़ाकर मांसपेशियों की कई नई नई तकनीक द्वारा दिए गए स्ट्रैचिंग एक्टिव वह पैसिव दर्द को राहत देने में कारगर है।