नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2025-2026 के लिए शनिवार को संसद में बजट पेश किया। यह मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक बजट है। निर्मला सीतारमण ने लगातार 8 वीं बार बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने आम बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने कई दवाइयों से कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी है।
36 कैंसर दवाएं, मेडिकल उपकरण, एलईडी सस्ती होगी। भारत में बने कपड़े, मोबाइल फोन बैटरी समेत 82 सामानों से सेस हटाया गया है। लेदर जैकेट, जूते, बेल्ट, पर्स, ईवी वाहन, एलसीडी व एलईडी टीवी हैंडलूम कपड़े आदि भी सस्ते होंगे। इस बजट लोगों को उम्मीद है कि सरकार उन्हें महंगाई से राहत देगी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई बढ़ने से घरेलू खर्च बढ़ गया है। वहीं नौकरी पेशा लोगों की उम्मीद है कि सरकार उन पर कर को बोझ को कुछ कम करेगी।
बजट में इंन्कम टैक्स की न्यूनतम सीमा 12 लाख कर दी गई है। इसका अर्थ है कि 12 लाख की इनकम टैक्स वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा, 12 से 16 लाख की इनकम पर 15 फीसदी का टैक्स लगेगा। 16 से 20 लाख की इनकम पर 20 फीसदी का टैक्स लगेगा। 20 से 24 लाख पर 25 फीसदी का टैक्स लगेगा।
वित्तमंत्री ने किसानों के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना का ऐलान किया। यह योजना 100 जिलों में राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जाएगी। ये वे जिले होंगे, जिनमें कृषि उत्पादकता कम है। इससे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा की। इसका मकसद मखाने की खेती करने वाले किसानों की मदद करना और मखाना की पैदावार बढ़ाना है।
इस बजट में सरकार ने किसानों के लिए ये ऐलान किए हैं। सरकार का ध्यान अगले 6 साल तक मसूर, तुअर (अरहर) जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने पर रहेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार राष्ट्रीय तेल मिशन चला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे। इससे दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल हुई थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से चार साल के दौरान सभी दलहन खरीदी जाएगी।
कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार पांच साल की एक योजना चलाएगी। इससे देश का कपड़ा उद्योग मजबूत बनेगा। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक करने की घोषणा की है। इससे किसानों, पशुपालकों और मत्स्यपालकों को छोटी अवधि का कर्ज मिलता है। वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि छोटे उद्योगों को विशेष क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा सरकार ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला यूरिया कारखाना लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में बंद पड़े यूरिया कारखानों को खोलना का दावा किया है। सरकार ने सहकारी क्षेत्र के लिए कर्ज उपल्बध कराने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को समर्थन देगी।
सरकार ने फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम शुरू करने का निर्णय लिया है। इसका मकसद उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है। इससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने, चार लाख करोड़ रुपये का टर्नओवर और 11 लाख करोड़ रुपये का निर्यात होने की संभावना है।