जय गुरू देव – नीम करौली महाराज

क्यों ना इस नए साल की शुरुवात नीम करौली बाबा के नाम से करी जाए जिन्होंने बदल दिए एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की जिंदगी।

आज हम बात करेंगे नीम करौली बाबा के कैंची धाम आश्रम के बारे में जहां हनुमान भक्तों ने बाबा के न जाने कितने चमत्कार देखे। अकबरपुर के एक समृद्ध जमींदार परिवार में जन्मे नीम करौली बाबा जिन्हें प्रेम से महाराज जी भी कहा जाता है उनका पैदाइशी नाम था लक्ष्मी नारायण शर्मा जिनकी बचपन से ही अध्यात्म में गहन रुचि थी।इसलिए उन्होंने किशोर अवस्था में ही गृह त्याग दिया और 17 वर्ष की आयु तक उन्होंने संपूर्ण ज्ञान प्राप्त लिया।

एक बार महाराज जी एक ट्रेन के फर्स्ट क्लास के डब्बे में सफर कर रहे थे। जब अंग्रेज टिकट कलेक्टर को पता चला कि महाराज जी ट्रेन के डब्बे में सफर कर रहे हैं उन्होंने एक गांव में ट्रेन रूकवाई और महाराज जी को वही उतरने को कहा। महाराज जी ट्रेन से उतर गए और पास ही के एक पेड़ के नीचे बैठ गए इसके बाद वह हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं करी थी लाखों प्रयास करने के बाद भी ट्रेन दोबारा शुरू नहीं हुई नया इंजन लगाने के बाद भी नहीं। उस समय ट्रेन में मौजूद मजिस्ट्रेट महाराज जी की महिमा से परिचित थे उन्होंने तुरंत टिकट कलेक्टर से महाराज जी से माफी मांगने एवं वापस ट्रेन में चढ़ने की प्रार्थना करने को कहा। महाराज जी ट्रेन में वापस तभी चढ़े जब उन्हें आश्वासन दिया गया कि इस गांव में रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा तब से उसे रेलवे स्टेशन का नाम नीम करौली रेलवे स्टेशन पाड़ा।

जब महाराज जी के पिताजी को पता चला कि वह नीम करौली में है तो उन्होंने वहां जाकर महाराज जी का विवाह करवा दिया।
एक बार महाराज जी की पत्नी ने उनसे पूछा कि उनके पास ऐसी कौन सी सिद्धियां हैं जिसकी कारण लोग उन्हें इतना पूजते हैं। महाराज जी ने उन्हें अपनी शक्तियां दिखाने के लिए सरसों का बीज लाने के लिए कहा उसके बाद महाराज जी ने बीज अपनी जीभ पर रखा और देखते ही देखते उसमें हरी पत्तियां निकल आई।
इसके बाद महाराज जी अपनी अनंत आध्यात्मिक साधना के साथ ग्रहस्त जीवन का भी पालन करते रहे। सोमवारी बाबा नाम के एक संत थे जो गुफा में रहते थे एक दिन महाराज जी उस गुफा को देखने गए 4-6 घंटे के बाद जब वो लोटे तो उन्होंने कहा मुझे यहां आवाज सुनाई देती है अब हम यहां एक मंदिर बनाएंगे यह वही जगह है जहां आज कैंची धाम हैl गुफा आज भी मंदिर के पीछे अपनी जगह पर बनी हुई है और बाबा की दिव्य आत्मा की उपस्थिति का एहसास दिलाता है।
एक श्रद्धालु जो रोजाना महाराज जी के दर्शन को आता था एक दिन वह बिना अनुमति के महाराज जी की गुफा में घुस गया भीतर उसने देखा कि महाराज सांपों से लिपटे हुए तपस्या कर रहे हैं यह देख वह भक्त बेहोश हो गया और तभी होश में आया जब उसे महाराज जी ने स्पर्श करा।

ऐसे ही महाराज जी के अनेकों अनेक चमत्कारों से हम आपको आगामी समाचार में अवगत कराते रहेंगे।

जय गुरु देव 🙏🙏🙏🙏

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