मुंबई ने लगाई शतकों की झड़ी, 10वें और 11 नंबर के बैटर ने भी ठोकी सेंचुरी,तनुष-तुषार ने रणजी मे रचा इतिहास

अपनी फिरकी और स्विंग से कहर बरपाने वाले तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे ने मंगलवार को बल्ले से भी दे दनादन रन कूट डाले। इन दोनों ने रणजी ट्रॉफी में दसवें और 11वें नंबर पर शतकीय पारियां खेलकर नया कीर्तिमान बना डाला। रणजी के 90 साल के इतिहास में पहली बार जबकि प्रथम श्रेणी में यह दूसरा मौका है जब अंतिम क्रम के दो बल्लेबाजों ने सैकड़े जमाए।

तनुष ने 129 गेंदों में 10 चौकों और चार छक्कों से नाबाद 120 और तुषार ने इतनी ही गेंदों में 10 चौकों और आठ छक्कों से 123 रन बनाए। दोनों के करियर का यह पहला शतक है। इससे मुंबई ने बड़ौदा के खिलाफ दूसरी पारी में 569 रन बनाए।

78 साल बाद : प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 78 साल बाद 10वें और 11वें नंबर के बल्लेबाजों ने सैकड़े लगाए। इससे पहले 1946 में भारत के ही चंदू सरवटे (124 नाबाद) और शुते बनर्जी (121) ने इंग्लैंड में सरे काउंटी के खिलाफ भारतीय टीम की ओर से ओवल में खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी।

तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी : दोनों ने अंतिम विकेट के लिए 232 रन जोड़े जो प्रथम श्रेणी में तीसरी सबसे बड़ी भारतीय साझेदारी है। हालांकि यह जोड़ी दो रन से दिल्ली के अजय शर्मा और मनिंदर सिंह का दसवें नंबर के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गई। अजय (259 नाबाद, तीसरे नंबर पर) और मनिंदर सिंह (78) ने 1991 में रणजी के सेमीफाइनल में मुंबई के खिलाफ 233 रन की साझेदारी की थी। प्रथम श्रेणी में सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड चंदू और शुते (249 रन) के नाम है।

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