

यह देखकर खुशी होती है कि कुमाऊं की महिलाएं चिकित्सा और अनुसंधान की दिशा में प्रगति कर रही हैं और उनमें से एक नाम डॉ. सुरभि दुर्गापाल है। वह एक पीरियोडॉन्टिस्ट और इम्प्लांटोलॉजिस्ट हैं जिन्होंने ए.बी. शेट्टी मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज से दंत चिकित्सा में मास्टर्स पूरा किया है, जो एनआईआरएफ के अनुसार भारत का तीसरा सर्वश्रेष्ठ डेंटल स्कूल है। उनका अध्ययन क्षेत्र मसूड़ों से संबंधित बीमारियों और मौखिक कैंसर के कारणों की पहचान करना है। वर्तमान में उनके पास 5 पूर्ण शोध कार्य, 6 प्रकाशन, 1 पुस्तक और कई लेख हैं।
हाल ही में उनकी पीरियोडॉन्टिस्ट पर पुस्तक लैम्बर्ट पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई थी। डॉ. सुरभि का सपना उत्तराखंड में गरीब लोगों के लिए एक दंत अस्पताल बनाना है जहाँ उन्हें मुफ्त सर्जरी और दंत चिकित्सा उपचार मिल सके। वह कहती हैं कि उनकी माँ का सपना था कि वह डॉक्टर बनें और कुमाऊं की महिलाओं के उत्थान के लिए प्रगति करें। डॉ. सुरभि दुर्गापाल श्री त्रिलोक चंद्र दुर्गापाल की बेटी हैं जो एक सेवानिवृत्त जेई हैं और श्रीमती चित्रा दुर्गापाल जो एक शिक्षिका हैं। वह स्वतंत्रता सेनानी दुर्गादत्त दुर्गापाल की पोती हैं।
